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 मिर्ची में वायरस कैसे रोकें 


मिर्च पर वायरस आने के कारण & निवारण वायरस की पहचान एवं वायरस आ जाने के बाद कौन सी दवाई काम करेगी एवं फैलने से कैसे रोकें मिर्च में थ्रिप्स और वायरस की जांच कैसे करें मिर्ची में वायरस कैसे रोकें।


मिर्च की फसल पर वायरस:-

वायरस बहुत ही खतरनाक बीमारी है जिससे यदि समय रहते कंट्रोल ना किया जाए तो हमारी उपज को 0% कर सकता है वायरस की कोई स्पेशल दवाई नहीं है। लेकिन कुछ कृषि कार्य समय रहते करते हैं तो बहुत ही अच्छे रिजल्ट प्राप्त होंगे।


वायरस क्या है:-

सूक्ष्मजीव (Microorganism) के तीन प्रकार होते हैं

  • फफूंद [Fungus]
  • जीवाणु [Bacteria]
  • विषाणु [Virus]

Virus को हिंदी पर विषाणु भी कहते हैं। वायरस के भी अनेक प्रकार होते हैं जैसे-


Type Of Virus:-

  • Leaf curl Virus (LCV)
  • Yellow Leaf curl Virus (YLCV)
  • Mosaic virus
  • Yellow mosaic Virus
  • Leaf Roll Virus
  • Wilt Virus

Virus को बिना माइक्रोस्कोप की आंखों से नहीं देखा जा सकता फसलों पर इसके लक्षण आंखों से साफ-साफ देख सकते हैं।


  वायरस की पहचान: – 

वायरस की पहचान कैसे करें जब पत्तियां प्रकाश संश्लेषण के द्वारा भोजन बनाने में असमर्थ हो एवं पत्तियां ऊपर की ओर झुके एवं पत्तियों में खिंचाव नजर आए तो यह वायरस है।

और यदि:-

Chilli की पत्तियां यदि नीचे की ओर झुके तो समझ लीजिए मकड़ी है या फिर रस चूसक कीट (सफेद मक्खी & थ्रिप्स) का प्रकोप हैं।


Virus फैलता कैसे हैं:-

सफेद मक्खी मिर्च का सबसे बड़ा दुश्मन है यह तेजी से एक पौधे से दूसरे पौधे virus ट्रांसमिशन का काम करती है जिससे तीव्र गति से यह रोग फैलता है।


वायरस फैलने की प्रमुख कारण:-

  • रोग ग्रसित पौधों [Nursery] से।
  • हवा अथवा मिट्टी [Soil] से।
  • हाथों से।
  • एक खेत से दूसरे खेत में।
  • ट्रैक्टर जुताई (field ploughing) से।
  • पौधे से पौधे की दूरी कम होने पर।
  • सूत्रक्रमी से [Nematode]
  • सफेद मक्खी से [Whitefly]
  • मकड़ी [Might]
  • Sucking pests से।

वायरस की रोकथाम:-

(1). प्रतिरोधक किस्में:-

वायरस मुक्त रजिस्टेंस वैरायटी को ही लगाना चाहिए कुछ वैरायटी होती हैं जिस पर अधिक वायरस आता है।


(2). बिज उपचार:-

यदि आप देसी वैरायटी का चुनाव कर रहे हैं तो बीजों को उपचार जरूर कर लें काफी हद तक वायरस कम आता है।


(3). पौधे से पौधे की दूरी:-

मिर्च की रोपाई करते समय पौधों को ज्यादा पास पास में प्लांटेशन ना करें। मिर्च के पौधों को दूर-दूर ही लगाएं एवं सिंगल लाइन पर ही प्लांटेशन करें।


(4). Drenching करे:-

जैसे ही आपने प्लांटेशन कर दी उसकी एक दो दिन बाद आपको humic एवं ऑर्गेनिक कॉम्पोनेंट्स ट्राइकोडरमा NPK का बदल बदल कर Drenching कर सकते हैं


(5). Nematode की रोकथाम:-

Nematode एक बहुत ही खतरनाक जड़ो को क्षति पहुंचाने वाला कीट है। प्रकोप के कारण भोजन बनाने में पौधा असमर्थ रहता है। वेलम प्राइम का इस्तेमाल कर सकते हैं।


(6). सफेद मक्खी की रोकथाम:-

मिर्च की फसल में सफेद मक्खी की रोकथाम करना जरूरी नहीं अनिवार्य है। यही वो कीट है जो सबसे ज्यादा क्षति नुकसान पहुंचाता है। Acitamiprid or pyriproxyfen or Sefina कोई एक का स्प्रे करें।


(7). Thrips की रोकथाम:-

यह एक रस चूसक कीट है जो पत्तों के निचले सतह प्रकोप देखने के लिए मिलता है जो हमारी फसलों के पत्तों का क्लोरोफिल खाता है और फसल को कमजोर कर देता है। Dow delegate or gharda police का स्प्रे करें।


(8). ग्रसित पौधे: –

जिस Plants पर बीमारी दिख रही हो उन पौधों को खेत से उखाड़ कर कहीं दूर ले जाकर मिट्टी के अंदर गड़ा दीजिए।


(9). Feromen trap लगाएं:-

मिर्च की फसल में पीली और नीली पट्टी ट्रैप जरूर लगाएं इसमें एक चिपचिपा पदार्थ होता है। जिससे क्षति पहुंचाने वाले कीट चिपक जाते हैं और कम लागत पर कीटों की रोकथाम हो जाती है।


(10). कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव: –

Shuruaati charanon per मिर्च की फसल में शुरुआती चरणों पर सस्ती और काम मीडियम रेंज वाली कीटनाशक दवाइयों का ही छिड़काव करना चाहिए और बीच-बीच में ऑर्गेनिक एवं नीम ऑयल का भी छिड़काव करना चाहिए।

अच्छा रिजल्ट देने वाली दवाइयां:-

  • Dow delegate 
  • Bio R-303
  • SLR 525
  • Confidor
  • Imidacloprid
  • Oberon जेसी दवाई बदल बदल कर प्रयोग करती रहे एवं समय-समय पर कैल्शियम नाइट्रेट खाद एवं बोरोन का इस्तेमाल मिर्ची की फसल पर जरुर करें फल लंबे सीधे और वजनदार आएंगे।

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