NPK fertilizer का महत्व

NPK fertilizer का महत्व

NPK एक महत्वपूर्ण उर्वरक खाद है जो हमारे पौधे के लिए बहुत ही जरूरी है जिसमें नाइट्रोजन फॉस्फोरस पोटेशियम की मात्रा मौजूद है। NPK fertilizer का महत्व

एक पौधे के विकास के लिए 17 पोषक तत्वों की आवश्यकता पड़ती है जिसके बिना पौधे का विकास बढ़वार फल फूल और उपज संभव नहीं है।


मुख्य पोषक तत्व:-

  • नाइट्रोजन
  • फास्फोरस
  • पोटाश

द्वितीय पोषक तत्व:-

  • सल्फर
  • कैलशियम
  • मैग्निशियम

सूक्ष्म पोषक तत्व:-

  • बोरान
  • जिंक
  • Copper
  • आयरन
  • मोलिब्डेनम
  • मैग्निज
  • कार्बन
  • ऑक्सीन
  • हाइड्रोजन

पौधे के विकास बढ़वार के लिए मुख्य पोषक तत्व में नाइट्रोजन फास्फोरस और पोटाश आता है जिसकी जरूरत एक पौधे को सबसे अधिक मात्रा पर जरूरत पड़ती है।

N – Nitrogen (नाइट्रोजन)

P – Phosphorus (फास्फोरस)

K – Potassium (पोटाश)


NPK fertilizer क्या है:-

NPK एक उर्वरक खाद है जो कि पानी में 100% घुलनशील है जिसमें नाइट्रोजन फास्फोरस पोटाश मुख्य पोषक तत्व मौजूद होता है NPK घुलनशील खाद का फसलों पर स्प्रे भी किया जाता है।

जैसे ही हम अपनी फसलों पर इस खाद का प्रयोग करते हैं तेजी से नाइट्रोजन फास्फोरस पोटाश की पूर्ति हो जाती है जिससे अच्छा रिजल्ट मिलता है फल फूल अधिक आते हैं और साथ ही उपज में वृद्धि होती है।


मार्केट में उपलब्ध घुलनशील खाद: –

NPK घुलनशील खाद जैसे:-

  • 19-19-19
  • 00-00-50
  • 00-52-34
  • 17-44-00
  • 12-61-00
  • 13-40-13
  • 13-00-45

हर एक NPK खाद में अलग-अलग प्रतिशत में एनपीके की मात्रा होती है जैसे: –

  • NPK 19-19-19 खाद
  • नाइट्रोजन [19%]
  • फास्फोरस [19%]
  • पोटाश [19%] अर्थात इस घुलनशील खाद में सामान्य रूप से एनपीके की बराबर बराबर मात्रा है।

 19:19:19 उपयोग:- 

 Stage – वानस्पतिक अवस्था

Drip सिंचाई से:-

2/3 kg Per Acre दीजिए

स्प्रे के लिए:-

15 लीटर पानी में = 60/100gm

की दर से इस्तेमाल करे।


NPK 0-52-34 खाद:-

  • नाइट्रोजन – [00%]
  • फास्फोरस – [52%]
  • पोटाश – [34%]

किंतु इस घुलनशील खाद में फास्फोरस अधिक मात्रा में है जिसका प्रयोग फूल अवस्था में करना चाहिए।

 0-52-34 उपयोग:- 

 Stage – फूल अवस्था

Drip सिंचाई से:-

3/4 kg Per Acre दीजिए

स्प्रे के लिए:-

15 लीटर पानी में = 60/100gm

की दर से इस्तेमाल करे।


NPK 0-0-50 खाद:-

पोटेशियम सल्फेट के नाम से भी जाना जाता है।

नाइट्रोजन – [00%]

फास्फोरस – [00%]

पोटाश – [50%]

इसमें सल्फर भी आता है = सल्फर 12.5%

अत: इस घुलनशील खाद में “पोटाश अधिक मात्रा” में है साथ ही Sulphur की मात्रा भी मौजूद हैं जिसका प्रयोग फल (fruit stage) अवस्था में करना चाहिए।

NPK 0-0-50 उपयोग:- 

Stage – फल अवस्था

Drip सिंचाई से:-

4/5 kg Per Acre दीजिए

स्प्रे के लिए:-

15 लीटर पानी में = 100gm

की दर से इस्तेमाल करे।


महत्वपूर्ण जानकारी: –

 वनस्पति का अवस्था में: –

NPK 19-19-19

17-44-00

घुलनशील खाद का इस्तेमाल करना चाहिए।

 फूल अवस्था में: –

NPK 00-52-34

12-61-00

घुलनशील खाद का इस्तेमाल करना चाहिए।

 फल अवस्था में: –

NPK 00-00-50

00-52-34

13-40-13

13-00-45

आवश्यकता अनुसार ही निश्चित मात्रा पर घुलनशील खाद का इस्तेमाल करना चाहिए।


नाइट्रोजन के 3 फॉर्म होते हैं:-

  1. अमोनियम 
  2. आमाइड 
  3. नाइट्रेट

कोई भी पौधा प्रत्यक्ष रुप से नाइट्रोजन को ग्रहण नहीं करता है किंतु Plant नाइट्रेट फॉर्म को ही ग्रहण करता है।


 नाइट्रोजन पोषक का महत्व:- 

  • नाइट्रोजन पत्ते को हरे-भरे एवं वनस्पति बड़वार में सहायक।
  • प्रकाश संश्लेषण क्लोरोफिल को बढ़ाएं।
  • वनस्पति अवस्था में नाइट्रोजन की अधिक जरूरत पड़ती है।
  • पौधे को सबसे ज्यादा नाइट्रोजन की आवश्यकता 0 से 45 दिनों तक अपेक्षाकृत अधिक नाइट्रोजन की जरूरत पड़ती है। परंतु किसी भी फसल में 50 दिनों के बाद नाइट्रोजन युक्त खादों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  • पौधे में हरित लवक की मात्रा बढ़ाएं एवं पत्तों को चिकना एवं साइनुमा बनाए।

 फास्फोरस पोषक का महत्व:- 

  • जड़ों मजबूत & तने को मजबूती में सहायक
  • जड़ों का विकास करें एवं फूलों की संख्या बढ़ाए
  • फूल की अवस्था में ज्यादा लाभदायक है
  • जब फूल निकल रहे हो उस समय फास्फोरस युक्त खाद का प्रयोग करें।

 पोटाश पोषक का महत्व:- 

  • फल की अवस्था में फलों को Mature एवं स्ट्रांग के साथ-साथ
  • पौधे की सेहत को सुधारे एवं
  • पौधे की गतिविधियों को एवं अन्य एंजाइम एवं सेल डिविजन को बढ़ाएं
    जिससे अधिक फल फूल लगते हैं
  • फलों एवं दानों को वजनदार बनाएं
  • फ्रूटिंग सेट करें

प्रयोग करने की विधि: –

NPK घुलनशील खाद को हम 2 तरीके हैं, प्रयोग कर सकते हैं

  1. छिड़काव के रूप में और
  2. जड़ों में भी दे सकते हैं

Post a Comment

The advance agriculture

Previous Post Next Post